वैद्युत रासायनिक श्रेणी, परिभाषा, ऑक्सीकरण विभव, अपचयन विभव लक्षण
वैद्युत रासायनिक श्रेणी
धात्विक व अधात्विक तत्वों को उनके ऑक्सीकरण विभव के घटते क्रम में या अपचयन विभव के बढ़ते हुए क्रम में रखने से जो श्रेणी प्राप्त होती है, उसे विद्युत रासायनिक श्रेणी कहते है।
तत्त्व | अपचयन विभव |
---|---|
Li Li⁺+e⁻ = Li |
−3.05 |
K K⁺+e⁻ = K |
−2.97 |
Ba Ba₊+2e⁻ = Ba |
−2.90 |
Sr Sr⁺+2e = Sr |
−2.89 |
Ca Ca²⁺+2e⁻ = Ca |
−2.87 |
Na Na⁺+e⁻ = Na |
−2.714 |
Mg Mg⁺+2e⁻ = Mg |
−2.37 |
Al Al⁺+3e⁻ = Al |
−1.66 |
Mn Mn⁺+2e⁻ = Mn |
−1.18 |
Zn Zn²⁺+2e⁻ = Zn |
−0.7628 |
Cr Cr³⁺+3e⁻ = Cr |
−0.74 |
Fe Fe²⁺+2e⁻ = Fe |
−0.44 |
Cd Cd²⁺+2e⁻ = Cd |
−0.403 |
Co Co³⁺+e⁻ = |
−0.27 |
Ni Ni²⁺+2e⁻ = Ni |
−0.25 |
Sn Sn²⁺+2e⁻ = Sn |
−0.14 |
Pb Pb⁺⁺+2e⁻ = Pb |
−0.12 |
H₂ 2H⁺+2e⁻ = H₂ |
0.00 |
Cu Cu2⁺+2e⁻ = Cu |
+0.337 |
l₂ l₂⁺+2e⁻ |
+0.535 |
Ag Ag⁺+e⁻ = Ag |
+0.799 |
Hg Hg⁺+e⁻ = Hg |
+0.885 |
Br₂ Br₂+2e⁻ = Br₂ |
+1.08 |
Pt Pt⁺+2e⁻ = Pt |
+1.20 |
Cl₂ Cl₂⁺+2e⁻ = Cl₂ |
+1.37 |
Au Au³⁺+3e⁻ = Au |
+1.50 |
F₂ F₂⁺+2e⁻ = F₂ |
+2.87 |
विद्युत् रसायनिक श्रेणी के लक्षण
1. विद्युत् रासायनिक श्रेणी में इलेक्ट्रोड की अर्ध अभिक्रिया अपचयन अभिक्रिया के रूप में लिखी जाती है, जिसमे बायीं और ऑक्सीकारक तथा बायीं और अपचयन स्थित है। इसी कारन इलेक्ट्रोड विभव को अपचयन विभव कहा जाता है।
2. इस श्रेणी में जिस किसी भी तत्व का मानक अपचयन विभव काम होता है, वह प्रबल अपचायक कहलाता है।
3. इस श्रेणी में ऊपर से नीचे जाने पर अपचयन गुण तथा इलेक्ट्रान त्यागने का गुण काम होता है।
4. इस श्रेणी में हाइड्रोज़न का मानक अपचयन विभव शुन्य होता है।